मन बैरागी तन अनुरागी , कदम कदम दुश्वारी हैं
जीवन जीना सहल ना जानो बहुत बड़ी फनकारी हैं
औरों जैसे होकर भी बाइज़्जत हैं बस्ति में
कुछ लोगों का सीधापन हैं
कुछ अपनी अय्यारी हैं
While watching the movie Aiyaari I came across these fabulous lines of the poet Nida Fazli.
The full poetry can be found online but right now these lines are just apt for me :)
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